शहर के मोतीनगर इलाके में अस्सी वर्षीय वृद्धा के अन्धे कत्ल का मामला पुलिस ने महज चौबीस घण्टों के भीतर सुलझाने में सफलता प्राप्त की है। वृद्धा की हत्या उसी के दामाद ने मामूली से विवाद के चलते कर दी थी। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।
एसपी राहूल कुमार लोढा ने प्रेस वार्ता के दौरान पुलिस को मिली इस सफलता की जानकारी दी। श्री लोढा ने बताया कि रविवार सुबह पुलिस को मोतीनगर निवासी भूरीबाई नामक एक अस्सी वर्षीय वृद्धा की हत्या किए जाने की सूचना मिली थी। हत्या की सूचना मिलने पर पुलिस अधिकारी वहां पंहुचे तो पता चला कि वृद्धा के सिर पर वार कर उसकी हत्या की गई थी। वृद्धा को शनिवार रात ग्यारह बजे तक जीवित देखा गया था। उसकी हत्या रात के किसी समय की गई थी। एसपी श्री लोढा ने बताया कि प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए उन्होने दीनदयाल नगर थाना के टीआई दिनेश कुमार भोजक को विशेष टीम बनाकर मामले की त्वरित जांच करने के निर्देश दिए थे।
पुलिस टीम ने मुखबिर तंत्र की मदद से आरोपी का पता लगाया। इसी सिलसिले में पुलिस ने हत्या में शामिल आरोपी वीरसिंह उर्फ वीर जी पिता हेमा भाभर 35 नि.केदारगढ थाना सैलाना हालमुकाम शंकरगढ को हिरासत में लेकर पूछताछ की। कडी पूछताछ किए जाने पर वीरसिंह ने वृद्धा भूरीबाई की हत्या करना स्वीकार किया। आरोपी वीरसिंह ने बताया कि मृतिका भूरीबाई के पुत्र दिनेश की मृत्यु हो जाने पर भूरीबाई ने अपनी बहू सोहनबाई की शादी वीरसिंह (आरोपी) से करवा दी थी। शादी के बाद वीरसिह अपनी पत्नी सोहनबाई के साथ अपनी सास भूरीबाई के घर में ही रहता था। लेकिन वीरसिंह का अपनी सास भूरीबाई से विवाद हो जाने पर भूरीबाई ने अपने नए दामाद वीरसिंह और बहू सोहनबाई को घर से निकाल दिया था।
घर से निकाले जाने के बाद वीर सिंह और सोहनबाई शंकरगढ में किराये से एक कमरा लेकर रह रहे थे। चूंकि भूरीबाई वीरसिंह को अपने घर में रहने नहीं दे रही थी और उसे किराये के कमरे में रहना पड रहा था,इसी बात से वह नाराज था और भूरीबाई से रंजिश रखने लगा था। इसी रंजिश के चलते वह 02 और 03 मार्च की दरम्यानी रात को भूरीबाई के कमरे पर पंहुचा और मृतिका के सिर पर लकडी से वार कर उसकी हत्या कर दी।
एसपी श्री लोढा ने बताया कि मृतिका भूरीबाई पन्नी बीनने का काम करती थी और भिक्षावृत्ति भी करती थी। फिलहाल पुलिस को उसके पास से जेवरात लूटे जाने की जानकारी नहीं मिली है,लेकिन वृद्धा के पास भिक्षावृत्ति से मिली कुछ चिल्लर थी,जिसे आरोपी वीरसिंह अपने साथ ले गया था। फिलहाल आरोपी वीरसिंह उर्फ वीरजी पिता हेमा भाभर को हत्या के प्रकरण में गिरफ्तार कर हत्या में प्रयुक्त लकडी भी जब्त कर ली गई है। एसपी श्री लोढा के मुताबिक मामले की जांच के दौरान वृद्धा के रुपए या जेवरात आरोपी द्वारा लूटे जाने के तथ्य मिलेंगे तो प्रकरण में लूट की धाराएं भी बढा दी जाएगी।
सराहनीय भूमिका
वृद्धा के अंधे क़त्ल को सुलझाने में थाना प्रभारी दीनदयाल नगर दिनेश कुमार भोजक, उनि. शांतिलाल चौहान, उनि. देवीलाल पाटीदार, उनि. के. के. पटेल, उनि. कान्तिलाल सोनार्थी, सउनि दिनेश कुमार मावी, सउनि मुरली मकवाना, सउनि के. एल. रजक, प्र.आर 150 शमशुद्दीन शेख, म. प्र. आर. अर्चना बाथरी. प्र. आर 24 जगदीश चन्द, म. आर. 1144 पूजासिंह आर. 961 रोशनलाल राठौर, आर 702 जितेन्द्र शक्तावत, आर 936 संजय कुशवाह, आर.49 गोपाल आंजना, 78 संदीप कुमावत, आर. 788 दीपक सिह, आर 1009 सुनिल राठौड, अ 1168 नरेन्द्र मुनिया, आर 53 नवीनसिह चौहान, आर.572 आशिक मंसुरी, आर. रावजी गणाक तथा सायबर सेल रतलाम के प्र.आर. मनमोहनसिंह,आर 218 विपुल भावसारएवं थान दीनदयाल नगर टीम का सराहनीय योगदान रहा।
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