नगर निगम इंदौर के घोटाले का मास्टरमाइंड एक्जीक्यूटिव इंजीनियर अभय राठौर अब तक पुलिसिया गिरफ्त से दूर है.
ड्रेनेज घोटाले के आरोपित इंदौर नगर निगम के एक्जीक्यूटिव इंजीनियर अभय राठौर शासकीय फाइलों में चालाकी से फर्जीवाड़ा करता था. स्वीकृत ठेकों की राशि में हेराफेरी कर लाखों की राशि को करोड़ों कर चेक भी बनवा लेता था. पुलिस ने 35 से ज्यादा फाइलों में हाथ की सफाई पकड़ी है. उधर, पुलिस आयुक्त राकेश गुप्ता ने फरार आरोपित राठौर पर बुधवार को इनाम राशि बढ़ाकर 25 हजार कर दी.
डीसीपी जोन-3 पंकज पांडे के मुताबिक, नगर निगम से जब्त फाइलों की जांच में हेराफेरी पकड़ में आई है. आरोपित राजकुमार सालवी (बर्खास्त लिपिक) ने पूछताछ में बताया कि अभय राठौर (फरार ईई) ऐसी फाइलें ढूंढता था, जिनमें कार्य स्वीकृत हो चुके थे. उनके वर्क आर्डर बदल देता था.
टीआइ विजयसिंह सिसोदिया के मुताबिक, घोटाले से संबंधित चार एफआइआर दर्ज हो चुकी है. जांच के लिए हीरानगर, ग्वालटोली, बाणगंगा, एमजी रोड़ और पुलिस लाइन के पुलिसकर्मियों की टीम गठित की गई है. एक टीम विवेचना संबंधित कार्य करती है. दूसरी टीम बैंक खाते और डेटा विश्लेषण संबंधित कार्य में जुटी है. छापामार कार्रवाई और पूछताछ के लिए पृथक से दल बनाए गए हैं. पुलिस ने राठौर की संपत्ति की जानकारी निकाली तो गुलाब बाग कालोनी, पवनपुरी और वार्ड-32 में घर मिले.
खबरों की मानें तो पुलिस ने अब उसकी ईनामी राशि 10 हजार से बढ़ाकर 25 हजार रुपए कर दी है. 28 करोड़ से अधिक के फर्जीवाड़े में लिप्त राठौर पर उक्त ईनाम पुलिस आयुक्त राकेश गुप्ता द्वारा घोषित किया गया है. वहीं टीआई विजयसिंह सिसोदिया ने एक जानकारी में बताया कि घोटाले से संबंधित चार एफआईआर अब तक हो चुकी है.
वहीं हीरा नगर, ग्वालटोली, बाणगंगा, पुलिस लाइन सहित एमजी रोड के पुलिसकर्मियों की एक टीम भी गठित हुई है. वहीं एक टीम विवेचना के लिए अलग बनाई गई है. इसी तरह छापामारी और पूछताछ के लिए अलग टीम है. पुलिस ने फरार राठौर की तलाश तेज कर दी है. उसके पोस्टर छपवाए जा रहे हैं, जो कॉलोनियों, रेलवे स्टेशन, बस अड्डों के अलावा अन्य जगह चस्पा होंगे.
आरोपित फर्जी वर्क आर्डर बनाकर लाखों को करोड़ों कर लेता था.
नगर निगम से जब्त फाइलों की जांच में हेराफेरी पकड़ में आई है.
आरोपित के पोस्टर छपवाकर काॅलोनी, रेलवे स्टेशन, बस अड्डों पर चस्पा करने की तैयारी.।
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