*आजाद हिंद संगठन ने किया आजाद की पुण्यतिथि को शहीद दिवस पर नमन्* !
रतलाम – आजाद हिंद संगठन द्वारा हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी चंद्रशेखर आजाद की पुण्यतिथि को *शहीद दिवस* के रूप मे मनाया व दीप जलाकर व पुष्प अर्पित कर याद किया आजाद हिंद संगठन के संयोजक राकेश पांचाल ने बताया की
चंद्रशेखर को ‘आजाद’ नाम एक खास वजह से मिला। पंडित जी जब 15 साल के थे तब उन्हें किसी केस में एक जज के सामने पेश किया गया। वहां पर जब जज ने उनका नाम पूछा तो उन्होंने ने कहा, ‘मेरा नाम आजाद है, मेरे पिता का नाम स्वतंत्रता और मेरा घर जेल है’। जज ये सुनने के बाद भड़क गए और चंद्रशेखर को 15 कोड़ों की सजा सुनाई, यही से उनका नाम आजाद पड़ गया। चंद्रशेखर पूरी जिंदगी अपने आप को आजाद रखना चाहते थे।
आजाद ने ताउम्र अंग्रेजों के हाथों गिरफ्तार नहीं होने का अपना वादा पूरा किया। वे 27 फरवरी 1931 के दिन अंग्रेजों के साथ लड़ते हुए अपना नाम हमेशा के लिए इतिहास में दर्ज कर लिया । इस अवसर संगठन के हेमन्त तायडे, पुष्कर द्विवेदी, दशरथ भारती, महेश सोलंकी, विजय पांचाल,प्रवीण दीक्षित, विनोद चौहान, अर्पित उपाध्याय, प्रकाश बंशीवाल, संजय पांचाल, विकास जाट आदि उपस्थित थे !
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