मेवाड़ा माली समाज द्वारा राज्यपाल के नाम एक ज्ञापन अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व ), को सौप नागदा में घटित कथित घटना की निष्पक्ष जांच की मांग की*
जावरा नि प्र।मेवाड़ा माली समाज जावरा द्वारा महामहिम राज्यपाल मध्यप्रदेश शासन भोपाल म.प्र. के नाम एक ज्ञापन अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व ), जावरा, को सौप नागदा निवासी मेवाड़ा माली समाज के वरिष्ठ सदस्य सुरेश वर्रा पर ऋणग्रहिताओं ने मासुम बच्ची के साथ कथित घिनौने कृत्य का आरोप लगाकर फंसाने की साजिश की निष्पक्ष जांच करवाने की मांग की।
दिए गए ज्ञापन में बताया कि नागदा जिला उज्जैन में बीती रात प्रकाशनगर निवासी सुरेश वर्रा जाति माली पर 3 वर्षिय बच्ची के साथ छेड़छाड का आरोप झुठा हो कर घिनौना है। जिस व्यक्ति ने ये झूठा आरोप लगाया है,वह आये दिन अपनी अत्यावश्यक कार्यों के लिए सुरेश वर्रा से उधारी पर पैसो का लेनदेन करता रहा है।चूंकि इस क्षेत्र में एक ही जाति समाज के लोग रहते है, जिस 3 वर्षिय मासुम बच्ची के साथ घिनौनी हरकत का जो आरोप लगाया गया है, उसके दादाजी ने बिमारी के नाम पर ईलाज हेतु जो पैसे लिए थे, वे 3-4 वर्ष बाद भी मांगने पर नहीं लौटा रहे है। इनसे तीन चार बार विवाद हो चुका है। पिछली बार झगडे पर उतारू होकर सुरेश वर्रा को जेल में सड़ाने की धमकी पहले ही दे चुके है। यही कारण है कि पुलिस द्वारा बिना जांच हास्पीटल मेडिकल रिपोर्ट प्राप्त किये धारा 376 भा.दं.वि. एवं पास्को एक्ट में कायमी कर दी गई है। चिकित्सा अधिकारीयों द्वारा किसी दबाव में बालिका को षडयंत्र पूर्वक इंदौर रेफर कर दिया गया।
ज्ञापन में उल्लेख किया गया कि बालिका के दादाजी व पिताजी ने अपने बहुसंख्यक समाजजनो के साथ षड़यंत्र करके सुरेश वर्रा पर इस प्रकार का घिनौना जो आरोप लगाया है वह मन घड़ंत है। यदि घटना स्थल के आसपास व के मंदिर से लगे, सीसीटीवी फुटेज को निष्पक्ष जांच की जाये तथा पुलिस व प्रशासन निष्पक्ष कार्यवाही करे, दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।राज्यपाल से अपेक्षा की गई की प्रकरण निष्पक्ष जांच बाद ही कोई कार्यवाही हो।
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