संघ को आपकी प्रशंसा नहीं समाज में चाहिए आपकी भूमिका

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रतलाम, 28 फरवरी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ रतलाम नगर का आज प्रकट उत्सव कार्यक्रम पोलो ग्राउंड में संपन्न हुआ। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता मध्य क्षेत्रप्रचारक दीपक विस्पुते, मुख्य अतिथि वरिष्ठ समाजसेवी महेन्द्र बोथरा एवं माननीय जिला संघचालक सुरेन्द्र सुरेका मंचासीन रहे। संघ को समाज में आपकी प्रशंसा नहीं चाहिए, अपितु आपकी भूमिका की जरूरत है।

प्रकट कार्यक्रम में स्वयंसेवकों और समाजजनों को संबोधित करते हुए श्री विस्पुते ने कहा कि – 47 में मिली स्वतंत्रता के पश्चात भारत को हर कोई आंख दिख रहा था अगर हम किसी से सहायता मांगते थे तो कोई आगे ना आता था। अमेरिका से सहायता के रूप में आए गेहूं के साथ खतरनाक खरपतवार गाजर घास के बीज तक देश में आए परंतु आज का भारत तेजी से बढ़ता हुआ भारत है हम आज विश्व के अनेक देशों को अनाज पैदा कर दे रहे हैं और जब विश्व पर संकट आया तो इसी भारत में वैक्सीन का आविष्कार कर “वसुदेव कुटुंबकम” की भावना को आधार मान सबको वैक्सीन उपलब्ध कराया। आज का भारत विश्व गुरु की ओर अग्रसर भारत है जिसका ध्वज रूस और यूक्रेन के मध्य चल रहे युद्ध में फंसे छात्रों के लिए ढाल का काम करता है यह हम सबके लिए गौरव की बात है।

संघ आज अपने विराट रूप में है हर कोई व्यक्ति संघ की प्रशंसा करता है परंतु संघ को प्रशंसा नहीं समाज में आपकी भूमिका चाहिए। ईश्वर ने हमें संपन्न समृद्ध बनाया है तो हमारे नीचे की पंक्ति के हमारे समाज जनों को आगे बढ़ना भी हमारा दायित्व है ।
अपनी मातृभूमि को स्वाधीन करने के लिए लाखों लोगों ने अपने बलिदान दिया कुछ को ही हम जानते हैं बाकी अधिकतम के तो हम नाम भी नहीं जानते स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव में पिछले दो वर्षों से एक-एक बलिदान देने वाले के घर तक जाकर उनका नाम जानने का प्रयास किया है ताकि ऐसे कई अनाम स्वतंत्रता सेनानियों को आने वाली पीढ़ी जानकर गौरव का अनुभव कर सके ।

संघ की बढ़ती लोकप्रियता को को देख कुछ नकारात्मक शक्तियों ने संघ पर झूठे आरोप लगाकर प्रतिबंध लगाए परंतु भारत की न्याय प्रणाली और संविधान पर विश्वास रखते हुए संघ हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से जीतकर निर्दोष साबित हुआ 1975 में आपातकाल लगाकर लोकतंत्र की हत्या की गई लोकतंत्र की रक्षा के लिए संघ के स्वयंसेवकों ने हजारों की संख्या में गिरफ्तारियां दे कर लोकतंत्र की रक्षा की। संपूर्ण विश्व में भारत ही लोकतंत्र का जनक है यहां सहज एवं स्वाभाविक लोकतंत्र है एक सामान्य जनजाति परिवार की महिला श्रीमती द्रौपदी मुर्मू भारत की राष्ट्रपति है , उपराष्ट्रपति एक साधारण किसान परिवार से है व गुजरात के एक अति साधारण परिवार के व्यक्ति देश के प्रधानमंत्री है यही भारत के लोकतंत्र की सुंदरता है। कार्यक्रम को मुख्य अतिथि श्री बोथरा ने भी संबोधित किया।

प्रकट कार्यक्रम में संघ के पूर्ण गणवेश में स्वयंसेवकों ने दंड संचालन, दंड युद्ध, समता, योग, आसन और नियुद्ध के सटीक, अनुशासित एवं नयनाभिराम प्रयोगों का प्रदर्शन किया। इस प्रकट कार्यक्रम के लिए समस्त समाज में कई दिवस से उत्साह का वातावरण था, जिसके परिणामस्वरूप बड़ी संख्या में कार्यक्रम देखने हेतु युवा व्यवसायी, प्रबुद्ध जन,समाज प्रमुख एवं मातृशक्ति उपस्थित रही।

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