दस साल बाद पिता पुत्र सहित आठ आरोपियों को पांच-पांच वर्ष की सजा।

admin Avatar
Spread the love

 

रतलाम 26 फरवरी। क्रिकेट खेलने एवं पुरानी रंजिश को लेकर हुए विवाद में पिता पुत्र सहित सभी आठ आरोपियों को न्यायालय ने पांच-पांच वर्ष के सश्रम कारावास एवं ₹6-6 हजार के अर्थ दंड से दंडित किया। घटना 10 वर्ष पुरानी है। 123 कार्य दिवस में न्यायालय द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश अरुण कुमार खरादी ने सोमवार को फैसला सुनाया।

गोटू उर्फ वीरेंद्र सिंह पिता मानसिंह निवासी डॉक्टर वर्मा का मकान जवाहर नगर रतलाम ने पुलिस थाना औद्योगिक क्षेत्र में रिपोर्ट लिखवाई की 3 फरवरी 2014 को रात्रि 10:45 बजे अमृत बोराणा एवं राहुल भांभी के मध्य क्रिकेट को लेकर विवाद हुआ था। जिसकी रिपोर्ट मौसेरे भाई दादू उर्फ रणजीत सिंह ने की थी । इसी बात को लेकर उसी दिन रात्रि 11:30 आरोपी इमरान पिता मोहम्मद सिद्दीकी उम्र 21 वर्ष, राहुल पिता रमेश सिंगला उम्र 18 वर्ष, नानू उर्फ दीपक पिता मांगीलाल जाट उम्र 20 वर्ष, मोहम्मद सिद्दीकी पिता बदरुद्दीन उम्र 50 वर्ष ,अमीन पिता मोहम्मद शाह 29 वर्ष, नासिर उर्फ ड्रीम पिता नन्हे का उम्र 39 वर्ष, निजामुद्दीन उर्फ गुड्डू पिता बदरुद्दीन उम्र 45 वर्ष, मोहम्मद नौशाद पिता नन्हे खां समस्त निवासी जवाहर नगर रतलाम मेरे घर आए और कहां की दादू कहां है। सभी ने गाली गलौज करते हुए मेरी कार का कांच फोड़ दिया। इतनी देर में मेरा भाई रविंद्र सिंह आ गया जिस पर सभी ने एक मत होकर सरिया एवं लकड़ी से हमला कर दिया। जिससे वह घायल होकर वहीं बेहोश हो गया, जिसका उपचार जिला चिकित्सालय में किया गया।

औद्योगिक थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर विवेचना कर अभियोग पत्र प्रस्तुत किया । जहां विचारण के बाद द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश अरुण कुमार खरादी ने सभी आरोपियो को दोष सिद्ध माना। सभी आरोपीगण को भादवि की धारा 148 में एक-एक वर्ष ,323 /149 में 6-6 माह 307/ 149 में पांच-पांच वर्ष तथा 427 /149 में 6-6 माह के कारावास तथा प्रत्येक आरोपी पर 6-6 हजार रुपए का जुर्माना लगाया। प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी अपर लोक अभियोजक सतीश त्रिपाठी ने की।

 Avatar

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Author Profile

John Doe

Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit, sed do eiusmod tempor incididunt ut labore et dolore magna aliqua. Ut enim ad minim veniam.

Search