बिना साइड इफेक्ट, जैन विधि से निर्मित, एलोपैथी की दवाओं की निर्भरता होगी कम
मधुमेह (डायबिटीज़) से परेशान लोगों के लिए एक नई आशा बनकर सामने आई है आयुर्वेदिक दवा “मधुरत्न”. यह दवा न केवल लैब टेस्ट से प्रमाणित है, बल्कि इसका कोई साइड इफेक्ट भी नहीं पाया गया है। खास बात यह है कि मधुरत्न को पूरी तरह से जैन विधि से तैयार किया गया है, जिसे जैन साधु-संत भी सेवन करते हैं।
दवा निर्माताओं के अनुसार, मधुरत्न शरीर में शुगर के कारण हुए सभी दुष्प्रभावों को धीरे-धीरे समाप्त करती है। इसका नियमित सेवन करने से शरीर की थकावट दूर होती है, हाथ-पैर की जलन कम होती है और यदि पैरों में घाव हैं तो वे भी जल्दी भरने लगते हैं। इसके अलावा, एलोपैथिक दवाओं की मात्रा भी धीरे-धीरे कम होती जाती है और इंसुलिन पर निर्भरता भी घटती है।
➤ सेवन विधि और कोर्स की जानकारी:
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जिन व्यक्तियों का ब्लड शुगर 250 mg/dl तक है, उन्हें सप्ताह में 1 बार दवा लेनी चाहिए।
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जिनका शुगर स्तर 250 mg/dl से अधिक है या जो इंसुलिन ले रहे हैं, उन्हें सप्ताह में 2 बार दवा का सेवन करना चाहिए।
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पूर्ण लाभ के लिए 6 महीने का कोर्स अनिवार्य है।
इस आयुर्वेदिक उपचार ने कई रोगियों को सकारात्मक परिणाम दिए हैं, और धीरे-धीरे एलोपैथिक इलाज पर निर्भरता को कम किया है।
📞 संपर्क करें:
मधुलिका जैन
📱 +91 83700 49093
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