101 वर्षीय दादी रतन मोहिनी जी आध्यात्मिकता की जीवंत प्रतिमूर्ति थी , बी. के. सावित्री दीदी

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*101 वर्षीय दादी रतन मोहिनी जी आध्यात्मिकता की जीवंत प्रतिमूर्ति थी , बी. के. सावित्री दीदी*
जावरा नि प्र ।राजयोग द्वारा विश्व में शांति का संदेश फैलाने वाली महान आत्मा परम आदरणीय दादी रतन मोहिनी जी ब्रह्माकुमारी संस्थान कीअतिरिक्त मुख्य प्रशासिका थीं और एक प्रेरणादायक आध्यात्मिक नेतृत्वकर्ता के रूप में जानी जाती थीं। उनका जीवन संयम, सेवा और आत्मज्ञान की मिसाल रहा। दादी रतन मोहनी जी का जन्म 25 मार्च 1925 को सिंध हैदराबाद में एक धनाढ्य परिवार मे हुआ था, बचपन से ही उनका झुकाव आध्यात्मिकता की ओर था और उन्होंने 12 वर्ष कि युवावस्था में ही ब्रह्माकुमारी संस्था से जुड़कर राजयोग को अपनाया।दादी जी ने पूरे जीवन में हजारों लोगों को आत्मचिंतन, योग, और नैतिक मूल्यों की राह दिखाई। उन्होंने नारी सशक्तिकरण और आध्यात्मिक जागृति को बढ़ावा देने के लिए अनेक देशों की यात्राएँ कीं। दादी रतन मोहनी जी ने 101 वर्ष की आयु पूर्ण कर 8 अप्रैल को 2025 को अपने लौकिक देह को छोड़ शिव बाबा की गोद ली,
उक्त जानकारी नगर के पहाड़िया रोड स्थित ब्रह्माकुमारी सावित्री दीदी ने दी l आज 20 अप्रैल 2025 को ब्रह्माकुमारी सेवा केंद्र पर उपस्थित भ्राता संतोष जी मेडतवाल ( एडवोकेट), के साथ सभी ब्राह्मण वत्सो के द्वारा दादी रतन मोहनी जी को पुष्पांजलि अर्पीतकरअपने श्रद्धा सुमन अर्पित किए दादी जी की अमिट- अमूल्य शिक्षाएं सदैव हमारे हृदय में जीवित रहेंगी। दादी जी के आध्यात्मिक जागृति लाने के लिए संपूर्ण विश्व की शिव वत्सो का यह विशाल परिवार सदैव ऋणी रहेगा l

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