रतलाम,, बाबा साहब अंबेडकर के अपमान एवं नेता प्रतिपक्ष लोकसभा राहुल गांधी के ख़िलाफ़ झूठा प्रकरण दर्ज करने के विरोध में पत्रकार वार्ता का आयोजन शहर कांग्रेस कार्यालय में किया गया।
पत्रकार वार्ता में शहर कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष महेंद्र कटारिया, पूर्व विधायक पारस दादा सकलेचा, नगर निगम नेता प्रतिपक्ष शांतिलाल वर्मा, वरिष्ठ नेत्री श्रीमती यास्मीन शैरानी, महिला कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती कुसुम चाहर, कार्यवाहक अध्यक्ष फैयाज मंसूरी, उपनेता कमरूदीन कछवाय, ब्लॉक अध्यक्ष बसंत पंड्या, वीरेंद्र प्रताप सिंह, सोहेल काजी, महामंत्री राजीव रावत, पार्षद नासिर कुरेशी, सलीम बागवान, शाकिर खान, उपस्थित रहे।
प्रेस चर्चा में बताया गया कि
18वीं लोकसभा के शीतकालीन सत्र सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी द्वारा संविधान और संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के अपमान के लिए देश के संसदीय इतिहास में दर्ज हो गया है। बीजेपी हमेशा से लोकतंत्र और संवैधानिक मूल्यों के प्रति तिरस्कार दिखाने का कोई मौका नहीं छोड़ती। इस बार तो हद ही पार कर दी।
संविधान के पचहत्तर वर्ष पूरे होने पर कांग्रेस समेत इंडिया गठबंधन के दलों ने संसद में सरकार से संविधान पर चर्चा की मांग रखी। अडानी, मणिपुर, संभल जैसे मामलों पर सदन में बहस की मांग लगातार ठुकराए जाने के बाद प्रतिपक्ष की संविधान पर चर्चा की मांग मान ली गई। इस मौके पर कांग्रेस समेत सभी दलों ने सरकार को लोकतांत्रिक और संवैधानिक मूल्यों की प्रतिबद्धता याद दिलाई। समता, समानता और न्याय के डॉ. अंबेडकर के आदर्शों पर चलने की सलाह बीजेपी को कतई रास नहीं आई। सत्ता पक्ष ने लगातार विपक्ष को बोलने से रोकने की कोशिश की। यही नहीं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने डॉ. अंबेडकर का अपमान कर संघ और बीजेपी की मनुवादी मानसिकता उजागर कर दी।
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