रतलाम : शुक्रवार को जिला अस्पताल में सिविल सर्जन डॉ एमएस सागर पर हमला कर पीटने वाले तीनों आरोपियों जितेन्द्र, भगतसिंह और सुनील को पुलिस ने जेल भेजा। घटनाक्रम के बाद ही पुलिस ने तीनों आरोपियों को हिरासत में ले लिया था। रात में प्रकरण दर्ज करने के बाद तीनों आरोपियों को न्यायालय में पेश किया गया था वहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।
इसी बीच सिविल सर्जन पर हुए हमले को लेकर स्वास्थ्य संस्था, संगठनों ने कलेक्टर के नाम तहसीलदार ऋषभ ठाकुर को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में हमला करने वालों को कड़ी सजा देने की मांग और डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए जरूरी कदम उठाने को लेकर मांग की गई। शनिवार शाम को तस्कर के बेटे को नियम विरुद्ध भर्ती करके बीमारी का सर्टिफिकेट देने वाले और जांच रिपोर्ट बदलने को लेकर धमकाने और हमला करवाने के आरोपी डॉ जीवन चौहान, डॉ रवि दिवेकर को संचनालय स्वास्थ्य सेवाएं ने सस्पेंड कर दिया।
*जानिए क्या था पूरा मामला!*
जिला अस्पताल में सिविल सर्जन डॉ एमएस सागर के साथ शुक्रवार शाम 7 बजे उनके अपने कक्ष से निकलने के दौरान मुंह पर कपड़ा बांधकर घात लगाए बैठे युवकों ने हमला कर दिया था। डॉ सागर के शोर मचाने पर अस्पताल में मौजूद लोगों ने तीनों लोगों को पकड़ लिया था जबकि एक भाग निकला था।
डॉ सागर से मार-पीट करने के मामले में कुख्यात तस्कर का कनेक्शन आने के बाद मामले ने तूल पकड़ लिया। डॉ सागर ने करीब डेढ़ माह पहले शहर की समता सीटी निवासी गीता बाई की आंख का ऑपरेशन किया था। गीता बाई का आरोप हैं कि डॉ सागर ने ऑपरेशन के लिए 15 हजार रुपए मांगे थे। गीता बाई ने उसमें से 7 हजार रुपए दें दिए थे। शुक्रवार को दिखाने गए तो डॉक्टर सागर ने बाकी रूपए मांगते हुए गीता बाई से मार-पीट की थी। इधर डॉ सागर का कहना था कि युवकों से हमला डॉ रवि दिवेकर और डॉ जीवन चौहान ने करवाया हैं। डॉक्टरों ने एक तस्कर के बेटे को बिना बताए ना केवल भर्ती कर लिया था, बल्कि गंभीर बिमारी का सर्टिफिकेट भी जारी कर दिया था। इसकी विभागीय जांच कर रहा था जिसे बदलवाने के लिए दोनों डॉक्टरों ने 4 दिन पहले धमकी दी थी। मार-पीट करने वाले युवकों में जितेन्द्र नाम का एक युवक डॉक्टर जीवन चौहान का ड्राइवर रह चुका हैं और वर्तमान में उसका बड़ा भाई डॉ जीवन चौहान का ड्राइवर है।
डॉ सागर पर हमला करने वाले तीनों आरोपियों को चीता जवान स्टेशन रोड़ थाने ले गए थे और इधर सिविल सर्जन सागर पर हमले की जानकारी मिलते ही सीएमएचओ डॉ आनन्द चंदेलकर और अन्य डॉक्टर इकठ्ठा होकर कलेक्टर राजेश बाथम से मिलने पहुंचे थे। वहां स्टेशन रोड़ थाना प्रभारी राजेन्द्र वर्मा भी पंहुचे थे और बाद में पुलिस ने डॉ सागर की रिपोर्ट पर जितेन्द्र उर्फ जीतू पिता फकीरचंद चौधरी, भगतसिंह पिता कन्हैयालाल डोडियार, सुनील पिता भागीरथ मचार के खिलाफ सरकारी काम में बाधा, मारपीट और डॉक्टर प्रोटैक्शन एक्ट में प्रकरण दर्ज किया गया था। उधर गीता बाई ने भी डॉक्टर सागर पर पैसे मांगने और मारपीट करने का आवेदन दिया। मामले में डॉक्टर जीवन चौहान ने एक वीडियो जारी कर आरोप को निराधार बताया था।
*प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग का एक्शन!*
इसी बीच रात्रि 9 बजे स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन की टीम 80 फीट रोड स्थित जीवांश अस्पताल पहुंची थी और वहां पड़ताल की जहां केवल तीन मरीज भर्ती थे चेकिंग करने पर डॉक्टर भी नहीं मिले ना ही मेडिकल पर संचालक। टीम द्वारा भर्ती मरीजों को जिला अस्पताल पहुंचाकर जीवांश अस्पताल को सील कर दिया था। टीम में एसडीएम अनिल भाना, डॉ कृपाल सिंह राठौर, डॉ एपी सिंह, डॉ बीएल तापड़िया शामिल थे।
बता दें कि यह अस्पताल डॉक्टर जीवन चौहान का है।
*क्या था आरोप!*
तस्कर के बेटे को भर्ती कर सर्टिफिकेट देने की जांच रिपोर्ट बदलवाने डॉ दिवेकर, डॉ चौहान ने करवाया हमला!
सिविल सर्जन डॉ सागर
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