हौसले बरकरार हैं पुलिस के, अंतत: पकड़ लिए बदमाश, चलने फिरने से भी लाचार हुएपुलिस के कंधे पर हाथ रख कर चल रहे थेतौबा, तौबा गुंंडागर्दी से तौबा, अब कभी ऐसा नहीं करेंगे।
उज्जैन। पुलिस फरियादी का सहारा बनती है। मदद करती है। इंदिरा नगर चौराहे का आलम कुछ और ही था। पुलिस उन गुंडे-बदमाशों का सहारा बनी हुई थी जो हफ्ता वसूली के लिए चार दिन पहले इसी इलाके में दहशत फैला रहे थे। तोडफ़ोड़ कर रहे थे। वे चलने-फिरने लायक नहीं बचे थे। पुलिस का सहारा लेकर चल रहे थे। कसम खा रहे थे। तौबा, तौबा, अब गुंडागर्दी नहीं करेंगे। किसी गरीब को नहीं सताएंगे। मौका मुआयना के बाद पुलिस उन्हें चिमनगंज मंडी थाने ले आई। पुलिस की सक्रियता से क्षेत्र के व्यापारियों की जान में जान आई।
पुलिस के अनुसार गुरुवार रात दीपक उर्फ लुल्ली पिता भवानीसिंह चौहान निवासी संजयनगर और उसके साथी मोना उर्फ मुजफ्फर पिता आशिक शाह निवासी दुर्गा कॉलोनी और शाहरुख उर्फ कालू, माया पिता सलीम शाह निवासी नजरपुर ने इंदिरानगर चौराहे पर आतंक मचाया था। सोड़े की दुकान चलाने वाले व्यापारी की वैन का कांच फोड़ दिया था। पानी-पताशे का ठेला लगाने वाले का शोकेस तोड़ दिया।
इस दौरान कई लोग पानी-पताशे का आनंद लेने के लिए आए हुए थे। बदमाशों का आतंक देख सभी भाग निकले। इतना ही नहीं, मोमोस के ठेले पर भी तोडफ़ोड़ की और व्यापारी के पीछे चाकू लेकर मारने दौड़ेे। इस घटना से क्षेत्र में अफरा-तफरी का आलम था। पास में ही एक और पताशी वाला था उसके पताशे भी बिखेर दिए। हफ्ता वसूली के उद्देश्य से आतंक मचाने आए इन बदमाशों ने बेखौफ अपनी रंगदारी दिखाई।
एसपी के सख्त निर्देश थे
इस घटना के बाद दहशतजदा व्यापारी चिमनगंज मंडी थाना पुलिस से मिले और आपबीती सुनाई। पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा ने जानकारी मिलते ही थाना प्रभारी को निर्देश दिए कि इस क्षेत्र से गुंडों का आतंक खत्म करना है। गुंडे हर हाल में पकड़ में आना चाहिए। पुलिस ने सक्रियता दिखाई और मुखबिर के माध्यम से कामयाबी हाथ लग गई। घेराबंदी कर तीन बदमाशों को काबू कर लिया गया। पुलिस से बचने के लिए तीनों भागे और चोटिल हो गए। दीपक, मुजफ्फर एवं शाहरुख के हाथ-पैर टूट गए।
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