रतलाम,, प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ़ एक्सीलेंस में पहली बार एक प्रयोग के तौर पर परीक्षा लेने के तीन मिनट के भीतर ही परिणाम घोषित कर दिया गया। यह कार्य भारत में पहली बार किया गया, जिसमें यह सफलता हासिल हुई। यह तकनीक देश में परीक्षा प्रणाली को अधिक तेज़ और कुशल बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है।
कॉलेज के प्राचार्य डॉ. वी शास्त्री ने बताया कि देश में आमतौर पर ओएमआर शीट के माध्यम से परीक्षा ली जाती है और परिणाम ओएमआर स्कैनर और कंप्यूटर की मदद से तैयार किया जाता है, जिसमें समय लगता है। लेकिन आज उन्होंने एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) तकनीक के माध्यम से ओएमआर शीट पर ली गई परीक्षा का परिणाम केवल तीन मिनट में घोषित करने का प्रयोग किया।
डॉ. शास्त्री ने बताया कि उन्होंने अपने निजी खर्च से इंदौर से ओएमआर शीट मंगवाई। इस परीक्षा का आयोजन “पहले आओ, पहले पाओ” के आधार पर 40 विद्यार्थियों के लिए किया गया। यह परीक्षा महाविद्यालय के कैरियर मार्गदर्शन प्रकोष्ठ के माध्यम से एक घंटे की अवधि में आयोजित की गई थी। परीक्षा सीजीएल पैटर्न पर आधारित एक मॉक परीक्षा थी, जिसमें कुल 100 प्रश्न शामिल थे। इन प्रश्नों में 25 गणित, 25 मनोवैज्ञानिक योग्यता, 25 अंग्रेजी, और 25 सामान्य ज्ञान के प्रश्न थे।
विद्यार्थियों ने अपने उत्तर ओएमआर शीट पर दिए। परीक्षा समाप्त होने के बाद, प्राचार्य डॉ. शास्त्री ने प्रकोष्ठ संयोजक प्रो. दिनेश बोरासी से सभी ओएमआर आंसर शीट को पीडीएफ फाइल के रूप में व्हाट्सएप पर मंगवाया। इसके बाद उन्होंने एआई तकनीक की मदद से सही आंसर की के साथ उन्हें प्रोसेस किया और केवल तीन मिनट में परीक्षा के परिणाम घोषित कर दिए।
देश में कई जगह दे चुके हैं डॉक्टर शास्त्री इस विषय पर व्याख्यान
डॉ. शास्त्री ने बताया कि इस तकनीक की मदद से हजारों बच्चों की परीक्षा के परिणाम तुरंत घोषित किए जा सकते हैं। यह प्रयोग उन्होंने पहली बार किया है। उन्होंने यह भी साझा किया कि एआई तकनीक पर वे बनारस विश्वविद्यालय, वनस्थली विश्वविद्यालय, लखनऊ विश्वविद्यालय समेत देश के विभिन्न संस्थानों में व्याख्यान दे चुके हैं। इन व्याख्यानों में उनके साथ आईआईटी के प्रोफेसर्स भी शामिल रहे हैं।
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