सुपर स्पेशलिटी अस्पताल इंदौर से इलाज के दौरान बदमाश फरार

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सुपर स्पेशलिटी अस्पताल से मुंह के कैंसर के इलाज के दौरान फरार बदमाश
इरफान लाला को उसके दो साथियों के साथ इंदौर पुलिस ने सूरत में पकड़ लिया।
तीनों आरोपी फिरौती के लिए अपहरण के आरोप में उज्जैन की भेरुगढ़ जेल मे
निरुद्ध थे। दो की जमानत हो गई थी, लेकिन मुख्य आरोपी इरफ़ान लाला की जमानत
नहीं हुई थी। इरफान लाला के विरुद्ध 17 अपराध पंजीबद्ध हैं, जिसमें कई
गंभीर अपराध हैं।

18 अक्टूबर को विचाराधीन कैदी इरफान लाला पिता सरवन खान अस्पताल से
इलाज के दौरान भाग गया था। स्वास्थ्य खराब होने से उसे 4 अक्टूबर को इलाज
के लिए सेंट्रल जेल उज्जैन से एमवायएच अस्पताल इंदौर की नई ओपीडी में पर्ची
बनाकर सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में दूसरी मंजिल पर वार्ड नं 202 में भर्ती
किया गया था। जिसमें अन्य कैदी भी भर्ती थे। 18 अक्टूबर को मौका पाकर कैदी
इरफान लाला अपने हाथ से हथकडी खोलकर वार्ड से भाग गया। जिसकी रिपोर्ट पर से
थाना संयोगितागंज पर अपराध क्र. 402/2024 धारा 262 का पंजीबद्ध कर विवेचना
में लिया गया। दौरान विवेचना फरार कैदी बंदी की तलाशी के लिए पुलिस
उपायुक्त जोन 3 हंसराज सिंह व अति पुलिस उपायुक्त रामसनेही मिश्रा सहायक
पुलिस आयुक्त तुषार सिंह के निर्देश पर थाना प्रभारी संयोगितागंज ने एक
विशेष टीम गठित की

पुलिस उपायुक्त द्वारा आरोपियों के गिरफ्तारी पर 5000 का इनाम भी घोषित किया गया।
पुलिस टीम ने घटनास्थल के आसपास के सीसीटीवी कैमरों, टेक्निकल प्रमाण,
अस्पताल में कार्यरत सिक्युरिटी गार्ड से पूछताछ की। पुलिस की मेहनत रंग
लायी और जानकारी मिली कि फरार कैदी आरोपी इरफान लाला के हुलिए का एक
संदिग्ध व्यक्ति सूरत में कहीं अपने दो अन्य साथियों के साथ अपनी पहचान
छुपाकर रह रहा है। सूचना पर वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में पुलिस टीम
को तत्काल सूरत रवाना किया गया। पुलिस
टीम ने सूरत पुलिस की मदद से करते तीन संदिग्ध व्यक्तियों को पकडा, जिनसे
नाम पता पूछते अपना नाम इरफान लाला पिता सरवन खान (34 साल), आसिफ पिता सईद
खान (32 साल) और शादाब पिता सईद खान (30 साल) बताया। पूछताछ करने पर कैदी
इरफान लाला को उसके साथ पूर्व में भी अपराधों में शामिल रहे साथी
आसिफ खान व शादाब खान के साथ मिलकर अस्पताल से भगाने की योजना तैयार की और
फिल्मी अंदाज में योजनाबद्ध तरीके से कैदी आरोपी इरफान लाला को उसके दोनो
साथी अस्पताल के वार्ड से भगाकर ले गए। जिस पर से पुलिस द्वारा उक्त साथी
आरोपियों के विरुद्ध भी विधिक कार्यवाही कर तीनों को पुलिस ने गिरफ्तार कर
अपनी अभिरक्षा में लिया। बाद में इंदौर लाकर न्यायालय के सामने पेश कर
तीनों को फिर जेल भेजा गया। इस
कार्यवाही में संयोगितागंज थाने के निरीक्षक सतीश कुमार पटेल, उनि अरविंद
खत्री, उनि सीमा मुवेल, सउनि भारतसिंह परिहार, प्रआर मनीष तिवारी, प्रआर
पंकज यादव, आरक्षक शैलेन्द् और जितेन्द्र यादव की भूमिका रही।

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