ब्लैक कैट कमांडो: NSG का आज स्थापना दिवस, एक कमांडों दर्जनों दुश्मनों पर अकेले भारी

admin Avatar
Spread the love

नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) राइजिंग डे के अवसर पर बुधवार को अपने सोशल मीडिया एक्स हैंडल पर एक संदेश साझा किया है, जिसमें उन्होंने एनएसजी के सभी कर्मियों और उनके परिवारों को शुभकामनाएं दी. अमित शाह ने कहा कि एनएसजी ने ‘सर्वत्र सर्वोत्तम सुरक्षा’ के अपने आदर्श वाक्य को पूरा करते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने में अद्वितीय विशेषज्ञता दिखाई है. अमित शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “एनएसजी के स्थापना दिवस पर, मैं हमारे राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड कर्मियों और उनके परिवारों को हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं. ‘सर्वत्र सर्वोत्तम सुरक्षा’ के आदर्श वाक्य पर चलते हुए, एनएसजी ने त्वरित प्रतिक्रिया, सामरिक आश्चर्य, गुप्त संचालन और त्रुटिहीन सटीकता में उल्लेखनीय विशेषज्ञता के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा को लगातार मजबूत किया है.

अमित शाह ने एनएसजी के वीरता को भी सलाम किया, जिन्होंने अपनी ड्यूटी के दौरान अपने प्राणों की आहुति दी. उन्होंने लिखा, “एनएसजी के उन बहादुर जवानों को सलाम, जिन्होंने कर्तव्य की राह में अपने प्राणों की बलिदान दिया.” राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड को विशेष रूप से आतंकवाद, मुठभेड़ और अन्य सुरक्षा खतरों के खिलाफ त्वरित प्रतिक्रिया के लिए जाना जाता है. यह भारत का एक प्रमुख केंद्रीय अर्धसैनिक बल है, जिसकी स्थापना 1984 में हुई थी. यह विशेष रूप से आतंकवाद और सामरिक चुनौतियों का सामना करने के लिए प्रशिक्षित है. एनएसजी के कर्मियों को कठिन परिस्थितियों में भी काम करने के लिए तैयार किया जाता है, जिससे वे किसी भी आपातकालीन स्थिति में तत्काल प्रतिक्रिया कर सके.

वहीं, राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) के काम की अगर हम बात करें तो इसमें आतंकवादियों का मुकाबला करना, हाईजैकिंग की घटनाओं को निपटना, और महत्वपूर्ण स्थानों की सुरक्षा शामिल है. इसके अलावा, एनएसजी विशेष अभियानों के लिए भी प्रशिक्षित है, जहां उन्हें छिपे हुए या सटीक लक्ष्यों को लक्षित करना होता है.

एनएसजी कमांडो फोर्स (NSG Commando Force) ही देश के ब्लैक कैट्स हैं. इस फोर्स में 10 हजार कमांडो हैं. जिन्हें अलग-अलग कामों के लिए अलग-अलग टीमों में बांटा गया है. ये आतंकरोधी अभियानों में पूरी तरह से प्रशिक्षित होते हैं. इसमें देश के किसी भी सैन्य, अर्द्धसैनिक बल या पुलिस से जवान शामिल हो सकते हैं. इनकी ट्रेनिंग 14 महीने की होती है. यह गृह मंत्रालय के तहत काम करते है. यह वीआईपी सिक्योरिटी, हाईजैकिंग रोकने, बम का पता लगाने जैसे अन्य कार्यो के लिए भी तैनात किए जाते हैं. इसका ध्येय वाक्य है- ‘सर्वत्र सर्वोत्तम सुरक्षा’.

/ब्लैक कैट कमांडो: NSG… भारत ब्लैक कैट कमांडो: NSG का आज स्थापना दिवस, एक कमांडों दर्जनों दुश्मनों पर अकेले भारी ₹ 79.59 jantaserishta.com16 Oct 2024 10:25 AM थर्राते हैं भारत के दुश्मन. नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) राइजिंग डे के अवसर पर बुधवार को अपने सोशल मीडिया एक्स हैंडल पर एक संदेश साझा किया है, जिसमें उन्होंने एनएसजी के सभी कर्मियों और उनके परिवारों को शुभकामनाएं दी. अमित शाह ने कहा कि एनएसजी ने ‘सर्वत्र सर्वोत्तम सुरक्षा’ के अपने आदर्श वाक्य को पूरा करते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने में अद्वितीय विशेषज्ञता दिखाई है. अमित शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “एनएसजी के स्थापना दिवस पर, मैं हमारे राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड कर्मियों और उनके परिवारों को हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं. ‘सर्वत्र सर्वोत्तम सुरक्षा’ के आदर्श वाक्य पर चलते हुए, एनएसजी ने त्वरित प्रतिक्रिया, सामरिक आश्चर्य, गुप्त संचालन और त्रुटिहीन सटीकता में उल्लेखनीय विशेषज्ञता के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा को लगातार मजबूत किया है.” Also Read – सैनी ने अनिल विज को लगाया फोन अमित शाह ने एनएसजी के वीरता को भी सलाम किया, जिन्होंने अपनी ड्यूटी के दौरान अपने प्राणों की आहुति दी. उन्होंने लिखा, “एनएसजी के उन बहादुर जवानों को सलाम, जिन्होंने कर्तव्य की राह में अपने प्राणों की बलिदान दिया.” राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड को विशेष रूप से आतंकवाद, मुठभेड़ और अन्य सुरक्षा खतरों के खिलाफ त्वरित प्रतिक्रिया के लिए जाना जाता है. यह भारत का एक प्रमुख केंद्रीय अर्धसैनिक बल है, जिसकी स्थापना 1984 में हुई थी. यह विशेष रूप से आतंकवाद और सामरिक चुनौतियों का सामना करने के लिए प्रशिक्षित है. एनएसजी के कर्मियों को कठिन परिस्थितियों में भी काम करने के लिए तैयार किया जाता है, जिससे वे किसी भी आपातकालीन स्थिति में तत्काल प्रतिक्रिया कर सके. Also Read – हिंदी के मशहूर साहित्यकार दूधनाथ सिंह, जिन्होंने लेखनी के जरिए साहित्य जगत को किया रोशन वहीं, राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) के काम की अगर हम बात करें तो इसमें आतंकवादियों का मुकाबला करना, हाईजैकिंग की घटनाओं को निपटना, और महत्वपूर्ण स्थानों की सुरक्षा शामिल है. इसके अलावा, एनएसजी विशेष अभियानों के लिए भी प्रशिक्षित है, जहां उन्हें छिपे हुए या सटीक लक्ष्यों को लक्षित करना होता है. National Security Guard – NSG ये देश की बेहतरीन कमांडो फोर्स है. इसके एक-एक कमांडों दर्जनों दुश्मनों पर अकेले भारी पड़ते हैं. सिर्फ आतंकियों को मारना ही इनका मुख्य काम नहीं है. ये होस्टेज की स्थिति को संभालते हैं. सीक्रेट मिशन करते हैं. सर्जिकल स्ट्राइक या फिर युद्ध से पहले जासूसी करनी हो. आसमान हो, जमीन हो या फिर पानी… कहीं भी ये दुश्मन को मौत दिखा देते हैं. ये मारने और मरने दोनों के लिए तैयार रहते हैं. ये हैं हमारे NSG कमांडो. Also Read – कनाडा के प्रधानमंत्री ने ‘ठोस सबूत’ न होने की बात कबूली, भारत ने कहा नुकसान के लिए ट्रूडो जिम्मेदार एनएसजी कमांडो फोर्स (NSG Commando Force) ही देश के ब्लैक कैट्स हैं. इस फोर्स में 10 हजार कमांडो हैं. जिन्हें अलग-अलग कामों के लिए अलग-अलग टीमों में बांटा गया है. ये आतंकरोधी अभियानों में पूरी तरह से प्रशिक्षित होते हैं. इसमें देश के किसी भी सैन्य, अर्द्धसैनिक बल या पुलिस से जवान शामिल हो सकते हैं. इनकी ट्रेनिंग 14 महीने की होती है. यह गृह मंत्रालय के तहत काम करते है. यह वीआईपी सिक्योरिटी, हाईजैकिंग रोकने, बम का पता लगाने जैसे अन्य कार्यो के लिए भी तैनात किए जाते हैं. इसका ध्येय वाक्य है- ‘सर्वत्र सर्वोत्तम सुरक्षा’. Also Read – महिला को घर में घुसकर गोली मारी, आरोपी मौके से भागने की कर रहे थे कोशिश, लेकिन… ये हैं NSG कमांडो के बहादुरी के किस्से एनएसजी कमांडो फोर्स (NSG Commando Force) को 16 अक्टूबर 1984 में ऑपरेशन ब्लू स्टार के समय बनाया गया था. शुरुआत में इसका इस्तेमाल सबसे ज्यादा पंजाब में हुआ. उसके बाद जम्मू और कश्मीर में. 1 मई 1986 को 300 NSG कमांडो ने 700 बीएसएफ जवानों के साथ मिलकर स्वर्ण मंदिर को आतंकियों से मुक्त कराया था. इसके बाद 1988 में इन्होंने पंजाब के मांड इलाके में ऑपरेशन ब्लैक हॉक पूरा किया. दो आतंकी मारे गए. 12 मई 1988 में 1000 NSG कमांडो ने ऑपरेशन ब्लैक थंडर-2 किया. फिर से स्वर्ण मंदिर को घेरा गया. 15 से 18 मई तक चले असॉल्ट ऑपरेशन में 40 आतंकी मारे गए. 200 ने सरेंडर कर दिया था. फिर ऑपरेशन माउस ट्रैप किया गया. 1990 में कोलकाता में थाईलैंड के विमान में बर्मा के स्टूडेंट्स को होस्टेज सिचुएशन से बचाया. 1993 में जब आतंकियों ने इंडियन एयरलाइंस के विमान को अमृतसर एयरपोर्ट हाईजैक किया तब NSG कमांडों फोर्सेज ने ऑपरेशन अश्वमेध चलाया. जिसमें दोनों आतंकियों को मार गिराया गया था. तीसरे को गिरफ्तार कर लिया गया. साल 2002 में गुजरात के अक्षरधाम मंदिर में आतंकियों को मौत के घाट उतारा. इसके बाद 26/11 मुंबई हमले में पाकिस्तानी आतंकियों को मार गिराया. इसमें कई एनएसजी जवान जख्मी हुए. मेजर संदीप उन्नीकृष्णन और हवलदार गजेंद्र सिंह बिष्ट शहीद हो गए. एनएसजी ने मुंबई में ऑपरेशन ब्लैक टॉरनैडो चलाया था. ताज होटल के 900 कमरे तलाशे गए, 8 आतंकियों को मार गिराया और 600 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित निकाला. इसके अलावा एनएसजी ने हैदराबाद, बेंगलुरु, पटना पर हुए ब्लास्ट का खुलासा किया. 2016 में जब आतंकियों ने पठानकोट पर हमला किया तब NSG ने एक्शन लिया. जवाबी हमले में लेफ्टिनेंट कर्लन निरंजन शहीद हो गए. इस ऑपरेशन में छह आतंकी मारे गए थे.

 Avatar

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Author Profile
Latest posts
Search