मध्य प्रदेश कैडर के 1989 बैच के आईएएस अफसर अनुराग जैन का मुख्य सचिव बनना तय हो गया है।शाम तक विभाग द्वारा इस संबंध में आदेश जारी हो सकता है। वे अगस्त 2025 तक इस पद पर रहेंगे।
मध्य प्रदेश के 35वें मुख्य सचिव आईएएस अनुराग जैन होंगे, वे अगस्त 2025 तक इस पद पर रहेंगे। नियुक्ति के आदेश सामान्य प्रशासन विभाग आज शाम तक जारी किए जाएंगे।जैन मौजूदा मुख्य सचिव वीरा राणा की जगह लेंगे। मुख्य सचिव वीरा राणा का सर्विस एक्सटेंशन 30 सितंबर को यानी आज खत्म हो रहा है, संभावना है कि अक्टूबर से अनुराग जैन चार्ज संभाल सकते है।
खास बात यह है कि राज्य सरकार जैन को मुख्य सचिव बनाने के लिए किसी भी अफसर को सुपर सीड नहीं करेगी। जैन को वरिष्ठता और अनुभव के आधार पर मुख्य सचिव बनाने का फैसला किया गया है। वे सीएम डॉ मोहन यादव की पसंद भी हैं। अनुराग जैन को सीएस बनाने की चर्चा नौ महीने पहले भी हुई थी, जब सीएम डॉ. मोहन यादव से दिल्ली स्थित एमपी भवन में उनकी मुलाकात हुई थी।
अनुराग जैन 1989 बैंच के सीनियर आईएएस अधिकारी हैं।
जैन को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का पसंदीदा माना जाता है।
भोपाल समेत कई जिलों के कलेक्टर रह चुके हैं जैन।
PMO मैं रह चुके हैं जॉइंट सेक्रेटरी।
2023 में मिला था प्रधानमंत्री पुरस्कार।
टेनिस, क्रिकेट और टेबल टेनिस खेलने का भी शौक है।टेनिक में राष्ट्रीय स्तर पर 11 मेडल जीत चुके है।
2020 से वे नई दिल्ली में प्रतिनियुक्ति पर केंद्र में तैनात हैं।
फिलहाल केंद्र में सड़क परिवहन और राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय में सचिव के तौर पर सेवाएं दे रहे थे।
अनुराग जैन ने आईआईटी खड़गपुर से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बी.टेक (ऑनर्स) किया है।
अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ सिरैक्यूज से 2005 में एमए (लोक प्रशासन) की डिग्री हासिल की है। वह 24 अप्रैल 2020 से केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर सेवाएं दे रहे थे।
अनुराग जैन को वित्तीय प्रबंधन का अच्छा जानकार माना जाता है।
कमलनाथ सरकार के दौरान भी उन्हें अहम जिम्मेदारी मिली थी, 2019 में भी जब वह केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से लौटे थे।
कमलनाथ सरकार में उन्हें वित्त विभाग की जिम्मेदारी मिली थी, हालांकि 2020 में वह फिर से केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर चले गए थे।
10 साल पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संयुक्त सचिव के तौर पर भी सेवाएं दी हैं, उस समय वे सूचना प्रौद्योगिकी, संचार, कृषि, खाद्य एवं उपभोक्ता मामले, रसायन एवं उर्वरक, श्रम और कौशल विकास मंत्रालयों से समन्वय देख रहे थे।
वित्त मंत्रालय में संयुक्त सचिव के तौर पर प्रधानमंत्री जन धन योजना को बनाया और लागू किया।
मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री के सचिव रहते हुए उन्होंने पब्लिक सर्विस डिलीवरी गारंटी एक्ट लागू करने में निभाई थी अहम भूमिका, जिसे बाद में अन्य राज्यों में भी लागू किया गया।
मध्य प्रदेश में ही सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव के तौर पर उन्होंने राज्यों की ई-रेडीनेस रिपोर्ट में प्रदेश की रैंकिंग में सुधार किया था।
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