रतलाम, 25 सितंबर। सांड के हमले से घायल हुए राजेश गुगलिया की मौत के बाद बुधवार को संत रविदास तिराहे पर अर्थी रखकर लोगों ने जोरदार नारेबाजी की। कलेक्टर, नगर निगम आयुक्त, विधायक, महापौर मुर्दाबाद के नारे लगाए। आक्रोशित लोगों की एक मांग थी कि शहर को मवेशियों से मुक्त किया जाए। तबेलों को तोड़ा जाए। गुगलिया परिवार को आर्थिक मदद दी जाए। क्षेत्रीय लोगों के साथ पार्षद भी चक्का जाम में शामिल हुए। आर्थिक सहायता देने और मवेशी मुक्त शहर करने की बात के बाद अर्थी उठाई गई और अंतिम संस्कार के लिए निकले।
उसके बुजुर्ग माता-पिता है। घर में कमाने वाला और कोई नहीं है। इसलिए 10 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने की मांग की जा रही है।
माता-पिता ने खो दिया बुढ़ापे का सहारा
बुजुर्ग माता-पिता का सहारा राजेश ही था। भरण पोषण वही करता था। जब कमाने वाला ही चला गया तो अब क्या होगा? इसलिए प्रशासन को जगाने के लिए चक्का जाम कर रहे हैं, ताकि भविष्य में ऐसी पुनरावृत्ति ना हो।
तत्काल कार्रवाई की मांग को लेकर दिया निगम आयुक्त को ज्ञापन ।
शहर में घूमने वाली गायों के कारण ही सांडों का सड़कों पर जमघट लगा रहता है। यह भी कह सकते कि सांडों के कारण ही मवेशी मालिक गायों को उनके लिए छोड़ देते हैं। चक्का जाम स्थल पर नारेबाजी चलती रही। आक्रोशित लोगों ने अधिकारियों को चूड़ियां भी दिखाई।
लोगों का आक्रोश फुट रहा था, तब 12 बजकर 2 मिनट पर महापौर प्रहलाद पटेल की गाड़ी आकर रुकी। मौजूद लोगों से बात की। उन्होंने आश्वस्त किया कि शहर को मवेशियों से मुक्त किया जाएगा। तीन दिन में कार्रवाई पूर्ण होगी। इसके पश्चात 12:09 पर अर्थी उठाई गई और अंतिम संस्कार के लिए ले गए।
सांड से हमले की घटना में हुई मौत के मामले में जिला प्रशासन के पास राहत राशि देने का कोई अधिकार या प्रावधान नहीं है। सर्प दंश से या जहरीले किसी जानवर से मौत की घटना होती है तो राहत राशि दी जाती है। रेड क्रॉस सहित अन्य मद से एकत्र कर करीब डेढ़ लाख रुपए की राशि दी जाएगी। साथ ही मुख्यमंत्री सहायता के लिए भी प्रकरण भेजा जाएगा।
Leave a Reply