रतलाम, रुपयो के लेन देन को लेकर चल रहे न्यायालयीन केस को सैटल करने के लिए बालाजी होटल के संचालक को अपहरण कर फिरौती मांगने के मामले में पुलिस ने गैैंंगस्टर सुधाकर मराठा,रेलवे से रिटायर्ड टीसी सुनील दुबे,दलाल चन्दू शिवानी समेत सात लोगों के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज किया है। सुधाकर के अलावा प्रकरण के सभी छ: आरोपियों को पुलिस ने आज तडके गिरफ्तार कर लिया। सुधाकर मराठा की तलाश जारी है। सभी गिरफ्तार छ: आरोपियों को जेल भेज दिया गया है।
पुलिस अधीक्षक राहूल कुमार लोढा ने बताया कि बालाजी होटल के संचालक जीतेन्द्र पिता रामरतन राठौड उम्र 42 साल ने शिकायत दर्ज कराई थी कि जन्माष्टमी के दिन वह घर के बाहर खडा था,तभी मनोज वर्मा और उसका साथी पाटिल नामक दो व्यक्ति आए और बोले कि तुझे बास (सुधाकर मराठा) ने बुलाया है। जब जीेतेन्द्र ने जाने से इंकार कर दिया तो उक्त दोनो व्यक्ति उसे जबर्दस्ती कार में बैठाकर सुनील दुबे के डाट की पुल रोड स्थित घर पर ले गए।सुनील दुबे के घर की तीसरी मंजिल पर सुधाकर राव मराठा ,सुनिल दुबे ,रवि डफरिया व सन्नी शिवानी बैठे थे । वहां पर सुधाकर राव मराठा ने जीतेन्द्र को मां बहन की नंगी नंगी गालिया देते हुए बोला कि चंदु शिवानी ,रवि डफरिया ,सन्नी शिवानी से जो केस चल रहा है उसको वापस ले लेना तथा मुझे सेटलमेंट के 25 लाख रुपये मेरे पास सुनिल दुबे के माध्यम से भिजवा देना नही तो मैं तुझे जान से खत्म कर दुंगा । मैने 14-15 मर्डर कर रखे है तुझे 15-20 दिन की मोहलत देता हुं रकम का इंतजाम कर लेना । जीतेन्द्र ने अपनी शिकायत में बताया कि उसके बाद लगातार सुनिल दुबे मुझे मोबाईल कॉल कर धमका रहा है औऱ मेरे परिवार व काम धंधो को नष्ट करने की धमकी दे रहा है ।
कर्ज लौटाने के बाद भी फिरौती की मांग
जीतेन्द्र ने पुलिस को बताया कि उसने वर्ष 2014 में चंदु शिवानी निवासी शास्त्रीनगर रतलाम से हुंडी ब्याज पर रुपये उधार लिये थे जिसके बदले में वह 2019 तक दो करोड रुपये ब्याज सहित वापस दे चुका है। उसके बाद भी चंदु शिवानी ने जीतेन्द्र को डरा धमका कर मुझसे एक कोरे स्टाम्प पर हस्ताक्षर करवा लिये थे औऱ उस पर 01 करोड 67 लाख रुपये नगद लेन देन की लिखा पढी कर ली। इतना ही नहीं चंदू शिवानी ने 06 करोड 96 लाख रुपये में बालाजी होटल खरीदने का फर्जी स्टाम्प भी तैयार कर लिया। जिसका सिविल मामला रतलाम न्यायालय में चल रहा है जिसकी तारीख 06.09.2024 को तारीख लगी थी । इसी न्यायालयीन प्रकरण को समाप्त करवाने के लिए चंदू शिवानी ने सुनील दुबे और अन्य आरोपियों के साथ मिलकर उसे धमकाया और अपहरण भी करवाया।
पुलिस ने जीतेन्द्र की रिपोर्ट पर से सात आरोपियों के खिलाफ अपराध क्रमांक 1113/24 धारा 127(2),119(1),140(3),296,351(2),3(5) बीएनएस का पंजीबद्ध कर विवेचना मे लिया। प्रकऱण की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक राहुल कुमार लोढा अति. पुलिस अधीक्षक राकेश खाखा के निर्देशन मे एवं अभिनव बारंगे नगर पुलिस अधीक्षक के मार्गदर्शन मे निरीक्षक दिनेश भोजक थाना प्रभारी थाना स्टेशन रोड के नेतृत्व मे टीम गठीत कर आरोपीगणो को गिरफ्तार किया गया।
गिरफ्तार आऱोपी –
- सुनिल पिता मनोहरलाल दुबे उम्र 64 साल निवासी दौ बत्ती नई दुनिया प्रेस कार्यालय के उपरी मंजील डाट की पुलिया रतलाम
- मनोज पिता बद्रीलाल वर्मा उम्र 32 साल नि.सुभाष नगर हाट की चौकी थाना डीडीनगर रतलाम
- नटवर उर्फ पाटील पिता अशोक मेवाडा उम्र 27 साल नि.कुछबंदिया हाट की चौकी थाना डीडीनगर रतलाम
- सन्नी पिता चंदु शिवानी उम्र 38 साल नि.शास्त्री नगर थाना स्टेशन रोड रतलाम रतलाम
- चंदु पिता टिल्लुलाल शिवानी उम्र 64 साल नि.शास्त्री नगर थाना स्टेशन रोड रतलाम
- रवि पिता वर्धमान डफरिया उम्र 71 साल नि.रामबाग कालोनी थाना स्टेशन रोड रतलाम
जप्त सामाग्री – एक काले रंग का मोबाईल आऱोपी सुनिल पिता मनोहरलाल दुबे से
फरार आरोपी – सुधाकर राव मराठा
नहीं मिली जमानत जेल गए आरोपी
पुलिस ने गिरफ्तार किये गए सभी आरोपियों को शनिवार शाम को न्यायलय में प्रस्तुत किया। आरोपियों ने जमानत लेने के लिए आवेदन प्रस्तुत किया था परन्तु फरियादी जितेंद्र राठोड की और से अभिभाषक नीलेश शर्मा ने आरोपियों के जमानत आवेदन पर आपत्ति पेश की थी। न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी आकांक्षा गुप्ता ने मामले पर फ़िलहाल कोई निर्णय नहीं लेते हुए प्रकरण को विचार हेतु रखा है। ऐसी स्थिति में सभी आरोपियों को जेल भेज दिया गया है। मामले की अगली सुनवाई सोमवार को होगी।
सराहनीय भूमिका –
आरोपियों को गिरफ्तार करने में निरीक्षक दिनेश भोजक थाना प्रभारी थाना स्टेशन रोड, उनि प्रेमसिंह हटिला, सउनि शिवनामदेव, प्रआर योगेन्द्र सिंह जादौन, प्रआर.779 महेन्द्र फतरोड, प्रआऱ.43 हेमन्त परमार, प्रआर.344 मनीष यादव, म.प्रआर 741 सीमा दायमा आर.207 रवि पहाडिया, आर.797 रितेश यादव, आर.208 राकेश निनामा, आर.197 धीरज सोंलकी एवं सायबर सेल रतलाम की सराहनीय भूमिका रही ।
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