रतलाम से इंदौर रेलवे लाइन के बीच पढ़ने वाले रेलवे ट्रेक के बीच मे से होकर निकलता है रतलाम जिले के करीब पांच गांव ढीकवा, मसावड़िया, भीलखेड़ी आदि का… प्रीतम नगर और भीलखेड़ी के बीच रेल पटरी के नीचे बने अंडर ब्रिज की यह हालत हर वर्ष बारिश मे होती है….. इन गांवो को जिला मुख्यालय रतलाम से जोड़ने के लिये बनी सड़क पर पहले रेलवे क्रॉसिंग बीच मे था. लेकिन रेलबे ने करीब पांच साल पहले रेलवे क्रॉसिंग बंद कर रेल पटरी के नीचे से अंडर ब्रिज बना दिया. अंडर ब्रिज क्या बना….. इन गांवो के लोगो की बारिश मे मुसीबत शुरू हो गई…
बारिश मे अंडर ब्रिज मे पानी भर जाता है जिसके कारण लोगो को आवाजही मे भारी परेशानी उठानी पढ़ती है.इन गांवो के लोगो को करीब 15 से 20 किलोमीटर घुम कर रतलाम आना पढता है.. हाँ अब बात करेंगे इस वीडियो की.. गांव भीलखेड़ी के निवासी रतनलाल भाभर रविवार की शाम को अपने घर से खेत पर जाने के लिये निकले थे….. रात को घर नहीं आये. सुबह उनके परिजनो को सूचना मिली की वह खेत पर अचेत पढ़े हुए है. परिजन पहुचे. गांव से ट्रेक्टर मे करके इलाज के लिये रतलाम लेकर जाने लगे…… लेकिंन रास्ते मे पड़ा….रेलवे अंडर ब्रिज जिसमे भरा हुआ था आठ से दस फिट पानी… जिसके कारण कोई इधर से उधर नहीं जा सकता था… परिजन परेशान थे… अपने व्यक्ति को बचाना था.. सभी अपने स्तर पर जतन करने लगे.. एम्बुलेंस को बुला लिया गया था … जो ख़डी हुई थी अंडर ब्रिज के उस पार.. समस्या यह थी की अचेत रतनलाल को उस पार कैसे ले जाया जाये….. कोई विल्कप नहीं मिलने पर बीमार को चारपाई पर डाला गया …. अर्थी की तरह कुछ व्यक्तियों ने कंधे पर डाल कर अंडर ब्रिज मे से निकाल कर एम्बुलेंस तक पहुंचाया… लेकिन इन लोगो की मेहनत पर पानी फिर गया… रतनलाल ने दम तोड़ दिया…. रतलाम मे डॉक्टरो ने रतनलाल को मृत घोषित कर दिया… परिजनों ने लाने मे हुई मुसीबत को देखा… और अंतिम संस्कार भी रतलाम मे ही करने का निर्णय किया….. पीएम के बाद मिले रत्नलाल के शव का अंतिम संस्कार रतलाम मे करने के बाद परिजन अपने घर गांव भीलखेड़ी पहुचे…… अब इस बीमार को समय पर इलाज नहीं मिल पाने के लिये जिम्मेदार रेलवे के जिम्मेदार क्या इस समस्या को दूर करने के लिये कोई कदम उठाएंगे या फिर हर साल मानसून अवधि मे ऐसे ही ग्रामीनो को परेशानी उठानी पढ़ती रहेगी.
अंडर ब्रिज मे पानी भरने से गांव के लोग बारिश मे जिला मुख्यालय से मानसून अवधि मे कट जाते है…. इस समस्या को दूर करने के लिए ग्रामीनो ने कई बार ग्राम पंचायत से लेकर बड़े जनप्रतिनिधियों को अवगत कराया लेकिन उनकी समस्या आज भी बनी हुई है…. ग्रामीणों के मुताबिक अंडर ब्रिज जब बन रहा था तभी रेलवे के अधिकारियो को इस तरह की समस्या होने का बोला था लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया गया….. अब रेलवे अधिकारियो की लापरवाही का खामियाजा ग्रामीण भुगत रहे है.
Leave a Reply