2 दिन बाद भारत से रवाना हो सकती है शेख हसीना

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नई दिल्ली। बांग्लादेश में हिंसा के बाद अपना देश छोड़ भारत में रुकीं पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना अगले 48 घंटे में यूरोप जा सकती हैं. हालांकि यूरोप के वो किस देश में जाएंगी इसको लेकर कोई सटीक जानकारी सामने नहीं आई है. पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में हलचल मची हुई है. बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना अभी भी हिंडन एयरबेस के सेफ हाउस में हैं, जिनकी आगे की रणनीति को लेकर सरकार में मंथन चल रहा है. उधर, बांग्लादेश में जल्द ही नई अंतरिम सरकार का गठन हो सकता है. छात्रों ने अल्टीमेटम दिया था कि उन्हें न तो बांग्लादेश में सैन्य शासन कबूल है और न ही सैन्य समर्थित सरकार कबूल है. छात्रों के अल्टीमेटम के बाद बांग्लादेश के राष्ट्रपति मुहम्मद शहाबुद्दीन संसद भंग कर दी है।

इस बीच बड़ी जानकारी सामने आई है. बताया जा रहा है कि बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री अगले 48 घंटे में भारत छोड़ सकती हैं. सूत्रों की मानें तो हसीना यूरोप के किसी देश में जा सकती हैं. इसके अलावा अन्य देशों से भी उनकी बातचीत चल रही है. ऐसी भी चर्चा है कि वह रूस में भी शरण ले सकती हैं. फिलहाल शेख हसीना को गाजियाबाद स्थित हिंड़न एयरबेस के सेफ हाउस में रखा गया है. भारत ने उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की है. यह भी बताया जा रहा है कि शेख हसीना को अन्य देश भेजने के लिए भारत द्वारा ही व्यवस्था की जाएगी. कारण, वह जिस विमान से भारत आई थीं, वो बांग्लादेश वायुसेना का था और वापस पड़ोसी मुल्क जा चुका है. ऐसे में अब शेख हसीना जिस भी देश में शरण लेने जाएंगी, वहां भारत अपने विमान से उन्हें पुख्ता सुरक्षा के साथ रवाना करेगा. इसको लेकर भी सरकार की बैठकें जारी हैं. और तमाम मुद्दों को लेकर चर्चा चल रही है।

बांग्लादेश की सेना में बड़े पैमाने पर फेरबदल किया गया है. मेजर जनरल जियाउल अहसन को हटा दिया गया है. वहीं लेफ्टिनेंट जनरल मोहम्मद सैफुल आलम का काम विदेश मंत्रालय सौंपा गया है. लेफ्टिनेंट जनरल मोहम्मद मोजिबुर रहमान को जीओसी सेना प्रशिक्षण और सिद्धांत कमान, लेफ्टिनेंट जनरल अहमद तबरेज़ शम्स चौधरी को सेना के क्वार्टरमास्टर जनरल, लेफ्टिनेंट जनरल मिज़ानुर रहमान शमीम को सेना के जनरल स्टाफ के प्रमुख के रूप में नियुक्त किया गया है. लेफ्टिनेंट जनरल मोहम्मद शाहीनुल हक को कमांडेंट एनडीसी और मेजर जनरल एएसएम रिदवानुर रहमान को एनटीएमसी के महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया गया है. इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस डायरेक्टोरेट (आईएसपीआर) ने मंगलवार को एक प्रेस विज्ञप्ति में यह जानकारी दी।

बांग्लादेश में आरक्षण के मुद्दे को लेकर कई बार हिंसा भड़की थी. प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि 1971 के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिजनों के लिए 30 प्रतिशत सरकारी नौकरियों को आरक्षित करने वाली कोटा प्रणाली को समाप्त किया जाए. पहले जब हिंसा भड़की थी तब कोर्ट ने कोटे की सीमा को घटा दिया था. लेकिन हिंसा नहीं थमी और अब प्रदर्शनकारी शेख हसीना का इस्तीफा मांग रहे हैं. अब तक 11,000 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. अधिकारियों ने दावा किया कि प्रदर्शनकारियों ने पुलिस स्टेशनों, सत्तारूढ़ पार्टी के कार्यालयों और उनके नेताओं के आवासों पर हमला किया और कई वाहनों को जला दिया. सरकार ने मेटा प्लेटफॉर्म फेसबुक, मैसेंजर, व्हाट्सएप और इंस्टाग्राम को बंद करने का आदेश दिया. इससे पहले जुलाई में भी स्टूडेंट प्रोटेस्ट के दौरान हिंसा हुई थी. उस समय ढाका के मुंशीगंज जिले के एक पुलिसकर्मी ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि पूरा शहर युद्ध के मैदान में बदल गया।

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