भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश में इस समय हिंसा की आग भड़की हुई है. देश में 5 अगस्त को हिंसा की चिंगारी इतनी तेज हो गई कि प्रधानमंत्री शेख हसीना को ही देश छोड़कर भारत आना पड़ा. देश में पिछले महीने से हो रहे आरक्षण को लेकर विरोध के चलते सोमवार (5 अगस्त) को कर्फ्यू लगा दिया गया था, लेकिन लोग कर्फ्यू तोड़कर सड़कों पर उतर आए.
बांग्लादेश में तख्तापलट होने के बाद हिंदू धर्म के लोग निशाने पर हैं, 5 अगस्त को हिंदू लोगों के घरों में अराजक तत्वों ने आग लगा दी, लूटपाट की और यहां तक की मंदिर में तोड़-फोड़ करने की कोशिश की. बांग्लादेश के कई जिलों में ऐसे मामले सामने आए.
8 फीसदी हिंदू आबादी
बांग्लादेश एक मुस्लिम बहुल देश है. अमेरिका की 2022 की अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता (International Religious Freedom) की रिपोर्ट के मुताबिक देश की कुल आबादी 165.7 मीलियन थी. देश में 91 प्रतिशत मुस्लिम आबादी है, जिसके बाद हिन्दू धर्म के लोगों की संख्या सबसे ज्यादा है, देश में 8 प्रतिशत हिन्दू रहते हैं.
27 जिलों में हुआ हमला
बांग्लादेश में 27 जिलों में हिन्दू धर्म के लोगों के घरों पर हमले किए गए. लालमोनिरहाट सदर उपजिला में,अराजक तत्वों ने सोमवार शाम तेलीपारा गांव में लालमोनिरहाट पूजा परिषद के सचिव प्रदीप चंद्र रॉय के घर में तोड़फोड़ और लूटपाट की. उन्होंने मुहिन रॉय की एक कंप्यूटर दुकान में भी तोड़फोड़ और लूटपाट मचाई.
इसके अलावा, जिले के कालीगंज उपजिला के चंद्रपुर गांव में चार हिंदू परिवारों के घरों में तोड़फोड़ और लूटपाट की गई. साथ ही हतीबंधा उपजिला के पुरबो सरदुबी गांव में 5 अगस्त की देर रात 12 हिंदू घरों को आग लगा दी गई. पंचगढ़ में, कई हिंदू घरों में तोड़फोड़ और लूटपाट की गई.
कभी नहीं सोचा था समुदाय पर होंगे हमले
जब ओइक्या परिषद के वरिष्ठ संयुक्त महासचिव मोनिंद्र कुमार नाथ से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा, कभी नहीं सोचा था कि अपने समुदाय पर ऐसे हमले देखेंगे. ऐसा कोई क्षेत्र या जिला नहीं बचा है जहां सांप्रदायिक हमले न हुए हों.
मोनिंद्र कुमार ने बांग्लादेश में हिंदू धर्म के लोगों पर हुए अत्याचार की जानकारी देते हुए कहा, वो रो रहे हैं, कह रहे हैं कि उन्हें पीटा जा रहा है, और उनके घरों को लूटा जा रहा है, हमारी गलती क्या है? क्या यह हमारी गलती है कि हम देश के नागरिक हैं?” मोनिद्रा कुमार ने कहा, देश में हिंदुओं को और भी हमले होने का डर है, उन्होंने कहा, “अगर ऐसे हमले यहां जारी रहे तो हम कहां जाएंगे?
मंदिर में तोड़-फोड़ की कोशिश
दिनाजपुर शहर और अन्य उपजिलों में, कम से कम 10 हिंदू घरों पर हमला हुआ. हमलावरों ने शहर के रेल बाजारहाट में एक मंदिर में भी तोड़फोड़ करने की कोशिश की, लेकिन स्थानीय लोगों ने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया.
बांग्लादेश हिंदू-बुद्ध ईसाई ओइक्या परिषद के महासचिव उत्तम कुमार रॉय ने कहा, खानसामा उपजिला में, तीन हिंदू घरों पर हमला किया गया. लक्ष्मीपुर में ओइक्या परिषद के सहायक सचिव गौतम मजूमदार ने कहा कि 200 से 300 लोगों ने शाम करीब 7:30 बजे उनके घर में आग लगा दी. खुलना इलाके में, ओइक्या परिषद के अध्यक्ष बिमान बिहारी अमित और जुबो ओइक्या परिषद के अध्यक्ष अनिमेष सरकार रिंटू के घरों में शाम 5:00 बजे के आसपास तोड़फोड़ की गई.
गोदाम में लूटपाट
बोगुरा के ओइक्या परिषद के महासचिव तपन कुमार चक्रवर्ती ने कहा कि सथमाथा और सोनाटोला में उनके एक गोदाम और एक दुकान को लूट लिया गया. उन्होंने कहा, सथमाथा में एक हिंदू परिवार के गोदाम को भी लूट लिया गया. पटुआखली में, एक हिंदू घर और एक मंदिर पर हमला किया गया, तोड़फोड़ की गई और आग लगा दी गई. ओइक्या परिषद ने दावा किया कि 21 और जिलों में हमले हुए हैं.
ऑफिस में लूटपाट
नरसिंगडी में पूजा उद्जापन परिषद के सदस्य दीपक साहा के घर और ऑफिस में भी लूटपाट का मामला सामने आया. किशोरगंज के कुलियारचर में दो हिंदू लोगों के घरों में आग लगा दी गई. चट्टोग्राम के रावजान उपजिला में, दो हिंदू घरों पर हमला किया गया और तोड़फोड़ की गई.
जशोर में बाबुल साहा के गोदाम पर हमला कर लूटपाट की गई, साथ ही वहां मौजूद हिंदू समुदाय की 22 दुकानों को लूट लिया गया और कई घरों में तोड़फोड़ और लूटपाट की गई. ओइक्या परिषद के अध्यक्ष विश्वजीत साधु के घर को लूट लिया गया और आग लगा दी गई. हबीगंज में शाइस्तागंज उपजिला ओइक्या परिषद के अध्यक्ष असित बरन दास की दुकान पर हमला किया गया.
प्रशासन से की मांग
इस बीच, बांग्लादेश लीगल एड एंड सर्विसेज ट्रस्ट ने एक बयान में मांग की कि बांग्लादेश सेना और प्रशासन आगजनी, बर्बरता और लूटपाट के अपराधियों की पहचान करें और हिंदू धर्म के लोगों की सुरक्षा के लिए कदम उठाए.।
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