बैंक में बाप-बेटी के कारनामे: लाखों के गबन के आरोप में दोनों पर कार्रवाई

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सहकारी बैंक में बाप-बेटी के लाखों के घोटाले का मामला सामने आया है। पूजा राठौड़ और उनके पिता गिरधारीलाल राठौड़ को निलंबित कर दिया गया है। बैंक में अनियमितताओं की जांच जारी है। जिले के सहकारी बैंक में बाप-बेटी ने अपनी-अपनी शाखाओं में लाखों का गबन और अनियमितता की। बैंक के सीईओ ने बताया कि मामले की जांच के लिए डीआर को पत्र लिखा गया है।

अलीराजपुर शाखा की पूजा राठौड़ और आमखूट शाखा के प्रबंधक गिरधारीलाल राठौड़ के खिलाफ आर्थिक अनियमितताओं के मामले में कार्रवाई शुरू हो गई है। पूजा राठौड़ के कारनामे उजागर होने के बाद गिरधारीलाल राठौड़ के कारनामे भी सामने आए, और उन्हें भी निलंबित कर दिया गया।

 

सूत्रों के अनुसार, गिरधारीलाल राठौड़ ने अपने पद का दुरुपयोग कर कई गलत कार्य किए हैं। उन्होंने अन्य जिलों के किसानों के नाम पर केसीसी खाते खोलकर लोन लिया और कुछ मामलों में किसानों को पता भी नहीं चला कि उनके नाम पर लोन लिया गया है। गिरधारीलाल ने अपने बेटे को खाद-बीज व्यापारी बताकर बैंक में नौकरी पर लगाया और हर माह 17-18 हजार रुपये वेतन भी दिया।

पूजा राठौड़ की कारस्तानी:

पूजा राठौड़, जो बैंक में आउटसोर्स दैनिक वेतनभोगी के रूप में काम कर रही थीं, ने अपने पिता के प्रबंधकीय पद का लाभ उठाया। उन्होंने बैंक में निष्क्रिय 86 खातों से 25 लाख रुपये से अधिक की रकम अपने खाते में डाली और कई बार वेतन से अधिक पैसे नगदी जमा किए। पूजा ने अपने पिता की सहानुभूति का लाभ उठाते हुए पूरे स्टाफ को फंसा दिया। उन्होंने प्रबंधक और अन्य कर्मचारियों के आईडी और पासवर्ड का दुरुपयोग किया। उनके खिलाफ एफडी पर भी होल्ड लगाया गया है।

क्या हुई कार्यवाही:

केंद्रीय बैंक झाबुआ ने पूजा राठौड़ के खिलाफ प्रारंभिक जांच के आधार पर प्रभारी शाखा प्रबंधक, सहायक लेखापाल शैलेष थेपड़िया, कैशियर संजय अवास्या, समिति प्रबंधक डुंगरसिंह डोडवा, प्रेमसिंह भिंडे सहित पूरे स्टाफ को निलंबित कर दिया है। बैंक अधिकारियों का कहना है कि विस्तृत जांच की जा रही है। प्रारंभिक जांच में अनियमितता के लिए चार्टर्ड अकाउंटेंट से विशेष अंकेक्षण कराया जाएगा और दोषी कर्मचारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी।

 

गिरधारीलाल राठौड़ पर आरोप:

गिरधारीलाल राठौड़ पर रबी सीजन में 3633 बैंग खाद, डीएपी के 150 बैंग, और 11 लाख 70 हजार रुपये का नगद वितरण का आरोप है। बिना सक्षम स्वीकृति के 8 लाख 50 हजार रुपये खर्च किए गए। बैंक खातों में 50 लाख रुपये से अधिक का संदिग्ध लेन-देन किया गया। बिना वरिष्ठ अधिकारियों की स्वीकृति के 5-7 कर्मचारियों को नगद वेतन दिया गया।

जांच रिपोर्ट के बाद कार्रवाई:

डीआर को पत्र लिखा गया है और जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।

के.के. रायकवार, महाप्रबंधक, जिला सहकारी केंद्रीय बैंक धार

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