जिलों में राजस्व अमले की कमी है, जिसे दूर करने के लिए सीएम डॉ. यादव ने सभी कलेक्टरों को आदेश दिए हैं कि वे सेवानिवृत्त पटवारी और राजस्व निरीक्षकों को संविदा पर रख लें ताकि ताकि उनके अनुभव से जिस उद्देश्य से अभियान चलाने का निर्णय लिया गया है वह पूरा हो सके।
MP News : मध्य प्रदेश में नामांतरण, बंटवारा और अन्य राजस्व से संबंधित लंबित मामलों के त्वरित समाधान के लिए पटवारी और राजस्व निरीक्षक को संविदा पर नियुक्त किया जाएगा। इसमें सेवानिवृत्त पटवारी और राजस्व निरीक्षक को ही रखा जाएगा। इसके लिए कलेक्टरों को आवश्यकता का आकलन कर नियुक्ति प्रक्रिया करने कहा गया है।
ड्रोन के माध्यम से होगा सर्वे
प्रदेश में 18 जुलाई से राजस्व महाअभियान 2.0 शुरू होने जा रहा है। इसमें नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन के लंबित प्रकरणों का निराकरण प्राथमिकता से किया जाएगा, वहीं प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि से वंचित पात्र किसानों के नाम भी शामिल किए जाएंगे। सर्वेक्षण ड्रोन के माध्यम से किया जाएगा।
इन को मिलेगा अवसर
इन सभी कार्यों के लिए पटवारी और आरआई (राजस्व निरीक्षकों) की महत्वपूर्ण भूमिका है। क्योंकि जिन जिलों में राजस्व अमले की कमी है, जिसे दूर करने के लिए सीएम डॉ. यादव ने सभी कलेक्टरों को आदेश दिए हैं कि वे सेवानिवृत्त पटवारी और राजस्व निरीक्षकों को संविदा पर रख लें ताकि ताकि उनके अनुभव से जिस उद्देश्य से अभियान चलाने का निर्णय लिया गया है वह पूरा हो सके।
कई जिलों में जमीन के रिकॉर्ड और नक्शे अपडेट नहीं
गौरतलब है कि प्रदेश के कई जिलों में जमीन के रिकॉर्ड व नक्शे अपडेट नहीं होने के कारण नया मास्टर प्लान अब तक लागू नहीं हो सका है। योजना में शामिल नए क्षेत्रों में भवन या कॉलोनी निर्माण के लिए टीएंडसीपी से विकास अनुमति और नगर निगम से अनुमति नहीं ली गई है या दिक्कत आ रही है। टीएंडसीपी प्रणाली भूमि रिकॉर्ड ऑनलाइन प्रणाली से जुड़े हुए है। इस कारण ग्वालियर, भिंड, दतिया, रतलाम, बैतूल और नीमच आदि जिलों में नए शामिल क्षेत्रों का विकास रुक गया। गड़बड़ी दूर करने के लिए कई बार कोशिश भी की गई, लेकिन सुधार नहीं हो पाया।
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