बहुचर्चित लीज नवीनीकरण मामले में त्रितीय अपर सत्र न्यायाधीश ने नगर निगम के सहायक वर्ग तीन दिनेश राठौड़ को दोषी मुक्त किया।

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रतलाम, 03 जून। तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश बरखा दिनकर ने नगर निगम के सहायक वर्ग-तीन दिनेश राठौड को बहुचर्चित लीज नवीनीकरण मामले में दोषमुक्त कर दिया है। उनके खिलाफ अभियोजन शास़्त्री नगर के भूखंड क्रमांक 167 की लीज का कूटरचना कर रमेश पिता चंद्रमणि मिश्रा के नाम पर नवीनीकरण करने का आरोप प्रमाणित नहीं कर पाया।

अभिभाषक प्रवीण भट्ट ने बताया कि सहायक वर्ग-तीन दिनेश राठौड पर दिनांक 7 अप्रैल 2015 को शास्त्री नगर के भूखंड क्रमांक 167 की लीज का खुद हस्ताक्षर करके नवीनीकरण करने का आरोप था। स्टेशन रोड थाना पुलिस ने तत्कालीन आयुक्त सोमनाथ झारिया की रिपोर्ट पर भादंवि की धारा 467, 167,193,197 के तहत प्रकरण दर्ज कर 12 अगस्त 2016 को न्यायालय मंे चालान प्रस्तुत किया था। इस मामले में सत्र न्यायालय ने 40 पृष्ठों में 64 बिंदुओं का आदेश पारित किया है। इसमें आरोपी दिनेश राठौड को सभी धाराओं के आरोपों से संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त करते हुए मामले से स्वतंत्र कर दिया गया है।

धोखाधड़ी का लगा था आरोप

गौरतलब है कि शास्त्री नगर स्थित योजना क्रमांक 20 का उक्त भूखंड रमेश पिता चंद्रमणि मिश्रा को 15 नवंबर 1984 को लीज पर आबंटित किया गया था। इसका पट्टा 18 जून 1990 को संपादित कराया गया था। पट्टे के अनुसार लीज अवधि 31 मार्च 2014 को समाप्त हो गई थी और एक माह में लीज अवधि बढाने की कार्रवाई की जाना थी, लेकिन रमेश मिश्रा ने करीब एक वर्ष विलंब से 30 मार्च 2015 को आवेदन प्रस्तुत किया था। दिनेश राठौड पर इस आवेदन को आयुक्त की अनुमति के बिना भूखंड की मूल नस्ती उपलब्ध नहीं होने पर भी लीज होल्डर के साथ मिलकर धोखाधडी पूर्वक लीज नवीनीकरण को खुद के हस्ताक्षर कर जारी करने का आरोप लगा था। इस मामले में उसे 13 जुलाई 2015 को निलंबित कर पुलिस को रिपोर्ट की गई थी। दिनेश ने इस मामले में अधिकारियों पर राजनीतिक दबाव मेें झूठा प्रकरण बनाकर फंसाने का आरोप लगाया था। न्यायालय में सुनवाई के दौरान प्रकरण में उसकी पैरवी अभिभाषक प्रवीण भट्ट द्वारा की गई।

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