कमीशनखोरी और फीस वृद्धि की शिकायतों को लेकर रतलाम में भी जोरो पर चल रही है निजी स्कूलों की जांच,कई स्कूलों पर गिर सकती है गाज

admin Avatar
Spread the love

रतलाम,30manas News. राज्य शासन द्वारा प्रदेश के सभी कलेक्टरों को प्रदेश भर में संचालित किए जा रहे निजी विद्यालयों में व्याप्त अनियमितताओं की जांच के सम्बन्ध में निर्देश दिए गए है। राज्य शासन के निर्देश के परिप्रेक्ष्य में रतलाम जिले में भी सभी निजी विद्यालयों की गहन जांच की जा रही है। कलेक्टर राजेश बाथम के निर्देश पर जिला पंचायत सीईओ श्रृंगार श्रीवास्तव द्वारा कराई जा रही निजी स्कूलों की जांच में कई प्रतिष्ठित स्कूलों पर गाज गिरने की संभावना है।

उल्लेखनीय है कि जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना द्वारा जबलपुर के निजी विद्यालयों की जांच में अवैध फीस वृद्धि और छात्रों कों औचित्यहीन पुस्तकों के विक्रय से कमीशन प्राप्त करने का करोडों रुपए का घोटाला उजागर हुआ था। जबलपुर कलेक्टर की पहल पर कई छात्रों को अवैध फीस वृद्धि की राशि भी लौटाई गई थी। इसी के बाद राज्य शासन ने प्रदेश के सभी कलेक्टरों को उनके जिलों के निजी विद्यालयों की जांच के निर्देश दिए गए थे। यहां रतलाम में कलेक्टर राजेश बाथम द्वारा निर्देशों के आने से पहले ही जांच की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई थी।

कलेक्टर राजेश बाथम ने इ खबरटुडे को बताया कि जिला पंचायत सीईओ श्रृंगार श्रीवास्तव के नेतृत्व में जिले के समस्त निजी स्कूलों की जांच की जा रही है। जांच के दायरे में म.प्र.राज्य शिक्षा बोर्ड के अलावा सीबीएसई विद्यालय भी शामिल है। फीस वृद्धि और छात्रों को औचित्यहीन पुस्तकें बेच कर कमीशनखोरी करने के मामले में सीबीएसई के विद्यालयों की शिकायतें अधिक है। सीबीएसई विद्यालयों पर जिला शिक्षा अधिकारी का सीधा नियंत्रण नहीं होने से सीबीएसई विद्यालयों में गडबडियों की अधिक आशंका होती है।

जिला शिक्षा अधिकारी केसी शर्मा ने निजी स्कूलों की जांच के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि जिले में लगभग दो सौ निजी विद्यालय संचालित है। इनमें से करीब साठ बडे निजी स्कूल है,जिनमें छात्रों की संख्या एक हजार या इससे अधिक है। श्री शर्मा के अनुसार,सभी स्कूलों से उनका रेकार्ड और आडिट रिपोर्ट मांगी गई है। रतलाम और जावरा के नगरीय क्षेत्रों के सभी संकुल प्राचार्यो को उनके अधिकारिता के निजी स्कूलों का रेकार्ड मंगवाने के निर्देश दिए गए है।

श्री शर्मा के मुताबिक राज्य शासन द्वारा सभी निजी स्कूलों को 8 जून तक अपना सारा रेकार्ड पोर्टल पर अपलोड करने को कहा गया है। स्कूलों की आडिट रिपोर्ट मिलने पर यह तथ्य सामने आएगा कि किन स्कूलों ने कितनी फीस वृद्धि की है। यदि फीस वृद्धि नियमों के विपरित होगी तो छात्रों को बढी हुई फीस वापस लौटाई जाएगी। श्री शर्मा ने बताया कि सीबीएसई स्कूल भी जांच के दायरे में है। उन्होने कहा कि स्कूलों की जांच में अनियमितताएं मिलने पर उनके विरुद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।

 Avatar

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Author Profile
Latest posts
Search