Bhopal : नाबालिग लड़की को बहला फुसलाकर भगाकर ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपी को न्यायालय आरएम भगवती विशेष न्यायाधीश ने धारा 366ए भादवि एवं 3/4 पॉक्सो एक्ट में दोषी पाते हुए धारा 3/4 पॉक्सो एक्ट में सश्रम आजीवन कारावास एवं 5 हजार रुपए अर्थदंड एवं धारा 366ए भादवि में 5 वर्ष का सश्रम कारावास व 1 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई। प्रकरण में शासन की और से पैरवी विशेष लोक अभियोजक सुश्री दिव्या शुक्ला एवं श्रीमती ज्योति कुजूर द्वारा की गई।
प्रकरण की जानकारी देते हुए संभागीय जनसंपर्क अधिकारी मनोज त्रिपाठी ने बताया कि 22जीजून-2021 की शाम को 7 बजे नाबालिग लड़की बिना बताए घर से कहीं चली गई थी, जिसे उसके माता पिता ने आसपास रिश्तेदारों के यहां तलाशा जिसके नहीं मिलने पर दिनांक 23-जून-2021 को थाने पर रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
पुलिस ने विवेचना के दौरान लड़की के बयान लिए जिसमें उसने बताया था कि आरोपी उसके पापा की पान की दुकान में सामान लेने के लिए आता था, तभी से उसकी दोस्ती आरोपी से हो गई थीइस दौरान मेरे और आरोपी के बीच मोबाईल पर बात होने लगी थी एक दिन मैं बात कर रही थी कि मेरे पापा ने देख लिया था और मुझे डांटा था तो मैंने आरोपी को पापा द्वारा डांटने की बात बताई तो आरोपी ने मुझे कहा कि तुम अपने सारे डाक्यूमेंट्स और कपडे लेकर 10 नंबर मार्केट पर आ जाओ। तब आरोपी के कहने पर मैं घर पर बिना बताए 10 नंबर मार्केट चली गई थी जहां उसे आरोपी मिला वहां से आरोपी उसे पीपुल्स मॉल के पीछे अपने घर ले गया जहां पर वह आरोपी के साथ रात-भर रहीं थी। तभी आरोपी ने रात में मेरे साथ बलात्कार किया था।
और सुबह आरोपी ने हबीबगंज स्टेशन पर मुझे बैठाकर थोडी देर मे आने का बोला था और वापस नहीं आया। मैं 2 दिनों तक आरोपी का इंतजार करती रही, फिर वहां पर किसी व्यक्ति ने उसे स्टेशन पर घुमने का कारण पूछा और फिर वह मुझे हबीबगंज पुलिस स्टेशन ले गया। हबीबगंज थाने पर पुलिस ने नाबालिग के माता पिता को बुलवा लिया था। और नाबालिग का मेडिकल परीक्षण कराने के पश्चात माता पिता को सौप दिया था।
पुलिस ने घटना के आधार पर अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना मे लिया गया सम्पूर्ण विवेचना उपरान्त अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। न्यायालय द्वारा अभियोजन के साक्ष्य, तर्को एवं दस्तावेजों एवं वैज्ञानिक साक्ष्य से सहमत होते हुऐ आरोपी अनस मंसूरी को धारा 3/4 पॉक्सो एक्ट में सश्रम आजीवन कारावास एवं 5 हजार रुपए अर्थदंड एवं धारा 366ए भादवि मे 5 वर्ष का सश्रम कारावास व 1 हजार रूपए अर्थदंड की सजा सुनाई।
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